🕸️ राहु का गोचर 2025: भ्रम, बदलाव और रहस्यों से भरा समय
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राहु, वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह माना जाता है, जिसे भ्रम, आकस्मिक परिवर्तन, इच्छाओं और रहस्यों का प्रतीक कहा गया है। हालाँकि यह कोई भौतिक ग्रह नहीं है, फिर भी इसका असर जीवन में गहरे और अप्रत्याशित रूप से देखने को मिलता है।
वर्तमान में राहु मीन राशि में है और 30 अक्टूबर 2025 को कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। यह परिवर्तन कई राशियों के लिए नए अवसर और चुनौतियाँ दोनों ला सकता है।
करियर में अचानक बदलाव
नयी टेक्नोलॉजी, विदेशी संबंधों या ऑनलाइन क्षेत्र में रुचि
धार्मिकता से भटकाव या अत्यधिक मानसिक भ्रम
छिपी हुई आकांक्षाएं और रहस्यमय घटनाएँ
विवादों या अचानक प्रसिद्धि में वृद्धि
करियर में अप्रत्याशित परिवर्तन और विदेश से लाभ संभव। सतर्क निर्णय लें।
राहु नवम भाव में—धार्मिक विचारों में उथल-पुथल, गुरु या पिता से मतभेद संभव।
चतुर्थ भाव में राहु—गृह कलह या मानसिक बेचैनी हो सकती है। ध्यान और योग से लाभ होगा।
(यदि चाहें तो मैं सभी 12 राशियों का विवरण भी जोड़ सकता हूँ)
"ॐ रां राहवे नमः" मंत्र का जाप करें (रोज़ 108 बार)
नारियल और नीले वस्त्र शनिवार को दान करें
राहु काल (प्रत्येक दिन का एक विशेष समय) में कोई शुभ कार्य न करें
सच्चाई, संयम और विनम्रता का पालन करें
राहु जीवन में अनिश्चितता और उत्सुकता दोनों लाता है। यह आपकी इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं को जगाता है, लेकिन सही दिशा न मिले तो भ्रम और अवसाद में भी ले जा सकता है। अगर आप राहु के प्रभाव को समझकर अपने कर्मों को संतुलित करें, तो यह काल भी आपके लिए उन्नति का साधन बन सकता है।
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